अपने बचपन में सब बच्चों की तरह कल्पनाओं के घोड़े पर सवार, मगर घर में बंद १० साल की नन्ही बच्ची. लेकिन था उसे प्रकृति और जीवों से प्यार. तो उसने घर के आंगन, छत, बगीचे को ही बना डाला अपनी कल्पनाओं के घोड़े दौड़ने का मैदान. और इंसानी संसार के बीच रच दिया “पूजिता और किट्टी का अनोखा संसार“. कल्पनाओं के इस रोचक सफर में चिड़िया, गिलहरी, कुत्ते, बन्दर, मछलियां, ऐसे कई साथी इनके साथ हैं.
आप जान ही गए होंगे पूजिता कौन है? अब ये मत पूछना किट्टी कौन है? कैसे पूजिता और किट्टी मिले, और उनकी अनोखी जोड़ी ने क्या – क्या गुल खिलाये? इसके आगे “नो डिटेल्स“. किताब के कुछ पन्ने पलटो, सब जान जाओगे.
म्याऊ…..म्याऊ…..
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